एसिड रिफ्लक्स, एसिडिटी और GERD की समस्या आज के दौर मैं काफी ज्यादा मात्रा में देखने मिलती है। ये बीमारी जानलेवा न होने के बावजूद ये समस्या, GERD से पीड़ित दर्दी और समाज के लिए एक बड़ा बोज है। मगर इस बीमारी के इलाज से दर्दी एक नोर्मल जीवन जी सकता है और इस बीमारी को होने से रोका भी जा सकता है। दोनों ही स्थिति में आरोग्यप्रद जीवनशैली और आहार बेहद आवश्यक है।
GERD अनुचित जीवनशैली का रोग
हायट्स हर्निया जैसी यांत्रिक समस्याएं और आपकी मांसपेशियों का कमजोर होना एसिड रिफ्लक्स और हार्टबर्न जैसी समस्याओं के लिए जिम्मेदार कारक हैं।
लेकिन समाज में बढ़ती एसिड रिफलक्स की समस्या का मुख्य कारण बदल रही जीवनशैली है। एसिड रिफ्लक्स या एसिडिटी एक lifestyle डिसऑर्डर है, यानि अनुचित जीवनशैली इस बीमारी का मुख्य कारन है। अभी के समय मे हमारी बदलती जीवनशैली, पश्चिमी तौर तरीके और जंक फ़ूड के बड़ी मात्रा मे उपयोग की वजह से, ये बीमारी बड़ी तेजी से बढ़ रही है।
इसीलिए खुराक और जीवनशैली के बदलाव ना केवल इस बीमारी के इलाज का अहम् हिस्सा है , परन्तु ये बीमारी को रोकने के लिए भी आवश्यक है। एसिड रिफ्लक्स, एसिडिटी और GERD के सारे मरीजों के लिए ये बदलाव आवश्यक है, चाहे उनकी बीमारी सामान्य हो या गंभीर। आपकी बीमारी की तीव्रता के मुताबिक आपको दवाइयां या आपरेशन की जरुरत पड़ सकती है , पर दवाइयां और आपरेशन के बावजूद खान-पान और जीवनशैली के बदलाव आवश्यक है, अगर आप बीमारी को जड़ से मिटाना चाहते है ।
बात बिलकुल सीधी और सरल है, किसी भी समस्या का सम्पूर्ण हल तभी आता है, जब हम उस समस्या के मुख्य कारन को दूर करते है ।
GERD का इलाज : धूम्रपान और शराब बंध करें
धूम्रपान,तम्बाकू और शराब कई तरीके से हार्टबर्न करते है।
धूम्रपान, तम्बाकू और शराब आपकी अन्ननली एवं जठर की अंदरूनी परत पर सीधा नुकसान पंहुचा कर अलसर यानि छाले बनाते है। इसके
आलावा वे जठर मे एसिड का उत्पादन भी बढ़ाते है। और वे अन्ननली और जठर के बीचके LES वाल्व को relax यानि की सुस्त
और ढीला करते है। इसकी वजहसे खाया हुआ भोजन और पानी एवं जठर मे बना एसिड आसानी से ऊपर की और अन्ननली मे आता है और
वहा damage करके छाले बनाता है।
इसीलिए अगर आपको इसमे से की कोई भी आदत है, तो सबसे पहले आपको इसे छोडने की आवश्यकता है, अगर आप इस समस्या का परमेनन्ट उपाय और एक उत्तम गुणवत्ता का जीवन चाहते है तो।
आपके शरीर और दिमाग के ठीक से काम करने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है। अपर्याप्त नींद या नींद की खराब गुणवत्ता आपके पाचन तंत्र, आपके चयापचय, प्रतिरक्षा(इम्युनिटी) के साथ-साथ आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। इसलिए, जिस तरह यह सामान्य रूप से आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, वैसे ही यह नाराज़गी और एसिड रिफ्लक्स का कारण बन सकता है। यह कई कार्यात्मक पाचन समस्याओं जैसे सूजन, पेट में ऐंठन, कब्ज और पेट खराब होने की ओर ले जाता है। हालांकि, ये कार्यात्मक समस्याएं बीमारियां नहीं हैं, यह आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं और इसका इलाज करना मुश्किल है।
अधिक वजन आपके पेट पर दबाव डालता है जिससे एसिड आपके भोजन नली में वापस आ जाता है। इसलिए, अधिक वजन वाले लोगों को GERD के लिए दीर्घकालिक दवाओं की आवश्यकता होने की संभावना अधिक होती है। एसिड रिफ्लक्स समस्याओं के कारण उन्हें दवाओं के साथ अधूरी राहत और जीवन की खराब गुणवत्ता होने की भी अधिक संभावना है। मोटापा और गंभीर GERD दोनों एक साथ सांस लेने में समस्या पैदा करने की अधिक संभावना रखते हैं।
अगर आपका वजन स्वस्थ है, तो इसे बनाए रखने के लिए काम करें। यदि आप अधिक वजन वाले या मोटे हैं, तो धीरे-धीरे वजन कम करने के लिए काम करें – एक सप्ताह में 1 या 2 पाउंड (0.5 से 1 किलोग्राम) से अधिक नहीं। वजन घटाने की रणनीति तैयार करने में मदद के लिए अपने डॉक्टर से पूछें जो आपके लिए काम करेगा। आपको यह समझना चाहिए कि वजन कम करना आपके एसिड रिफ्लक्स उपचार का एक हिस्सा है।
किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि स्वस्थ जीवन शैली का एक हिस्सा है। संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इसकी बहुत आवश्यकता है। सिर्फ वजन कम करने के लिए ही नहीं, बल्कि आपके मेटाबॉलिज्म को भी स्वस्थ रखने के लिए इसकी जरूरत होती है। यह चिंता और तनाव को कम करने में भी मदद करता है, जो कि वे, GERD और कब्ज और IBS जैसी कार्यात्मक पाचन समस्याओं का एक सामान्य कारण है।
भारी जिम व्यायाम या मेराथन दौड़ने की हमेशा जरूरत नहीं होती है। यहां तक कि आधे से एक घंटे की पैदल दूरी या साइकिल चलाना या तैरना या अपनी पसंद का कोई खेल खेलना भी पर्याप्त होना चाहिए। लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपने इस दौरान अपने काम और दिन-प्रतिदिन के अन्य मुद्दों से मानसिक रूप से अलग कर दिया है।
चिंता और तनाव बढ़ने से पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ जाता है, जो बदले में अधिक रिफ्लक्स और नाराज़गी का कारण बनता है। तनाव के समय में सूजन, ऐंठन और डकार जैसी कार्यात्मक समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। मैं यहां अवसाद(डिप्रेशन) या किसी बड़ी मनोवैज्ञानिक समस्या की बात नहीं कर रहा हूं। छोटी-छोटी घटनाएं जैसे काम का बोझ, बस का छूटना, ट्रैफिक सिग्नल पर विवाद आदि तनाव पैदा करने के लिए काफी हैं।
कई बार लम्बे समय से पेट की गड़बड़ तथा हार्टबर्न की समस्या भी तनाव और चिंता का कारन बन सकती है। यदि ऐसा है, तो यह एक दुष्चक्र की ओर ले जाता है जहाँ तनाव और हार्टबर्न अंततः एक-दूसरे की गंभीरता को बढ़ा देती है। इस स्थिति में हार्टबर्न और चिंता दोनों के एकसाथ आक्रमक इलाज की आवश्यकता होती है।
इस स्थिति में प्रतिदिन केवल 10 मिनट ध्यान करने के अनेक लाभ हैं। आपको अपने दिमाग को शांत रखना सीख लेना चाहिए। यदि आप लंबे समय तक नियमित रूप से प्रयास करते हैं तो सीखना आसान होता है। यह सिर्फ पेट की समस्या नहीं है, शरीर के लिए इसके और भी कई फायदे हैं।
सही समय पे भोजन करे। दोपहर और रात खाना देर से ना खाये। खाने के बाद तुरंत ना लेटें। खाने और सोने के बीच कम से कम २ घंटे का समय रखें। अच्छी और पूरी नींद ले।
अपने काम करने के समय और तरीके मे बदलाव करे ताकि उपर के खान पान और नींद के बदलाव आपके के लिए मुमकिन बने।
टाइट कपडे और बेल्ट आपके पेट पे प्रेशर बढाते है और इससे एसिड रिफ्लक्स होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए जिन्हे एसिड रिफ्लक्स की समस्या भारी मात्रा में रहती हो, उन्हें पेट और कमर के पास टाइट कपडे और बेल्ट नहीं पहनना चाहिए।
अगर आपको sevre एसिड रिफ्लक्स का प्रॉब्लम है, खास कर अगर रातको सोने पर आपको ज्यादा तख़लीफ़ होती है, तो सोते समय सिराहने का हिस्सा ४-६ इंच ऊँचा करनेसे, आपको सोते समय होने वाली तकलीफ़मे काफी आराम मिलेगा। हालाकि इतनी ज्यादा तकलीफ वाले मरीजों के लिए लप्रोस्कोपिक ऑपरेशन उत्तम उपाय है, जिसके बाद सिरहाना ऊपर रखके सोनेकी जरुरत नहीं रहती। पर जब तक आप ऑपरेशन का निर्णय नहीं लेते तब तक इससे काफी आराम मिलेगा।
एक बात का विशेष ध्यान रखे , सिर्फ सर के निचे तकिये ज्यादा रखनेसे फायदा नहीं होगा । आपकी छाती और पेटका उप्परी हिस्सा ऊँचा होना चाहिए, तभी इसका कोई असर होगा।
पेट तन जाये ऐसा भारी खुराक जठर से खाली होनेमे ज्यादा समय लेता है और LES वाल्व पर भी प्रेशर यानि तनाव डालता है। इसलिए देर रात को लिया गया भारी खुराक, लेटते ही आसानी से उप्पर अन्ननली में वापस आता है। खुराक के साथ जठर मे बना एसिड भी अन्ननली मे आता है। अगर ये खाना तला, चर्बीयुक्त और मसालेदार हो तो दिक्कत और बढ़ती है।
आपको दोपहर का भोजन मुख्य भोजन और रात का भोजन कम लेना चाहिए। रात का खाना अगर जल्दी खाये तो बेहतर है। ताकि सोने के समय आपका जठर पूरा भरा हुआ न हो। खाने और सोने के समय के बीच १-२ घंटे का समय रखे। सुबह के नाश्ते और दोपहर के भोजन के बीच, और दोपहर और रात के खाने के बीच कुछ नाश्ता या फल खाये। इससे भोजन के समय आप बहुत ज्यादा भूखे न हो, की खाने पे टूट पड़े। खाना तनावमुक्त वातावरणमे में खाये, आराम से स्वाद लेके खाये , जल्दबाज़ी में ना खाये।
प्रतिदिन भोजन करते समय वातावरण शांत और तनावमुक्त होना चाहिए। भोजन के दौरान और थोड़े समय के लिए, भोजन लेने के लिए रसोई में भागना या अन्य गतिविधियाँ जैसे कि बच्चों को निर्देश देना कुछ समय के लिए स्थगित कर देना चाहिए। प्रसन्न मन से भोजन करना। छोटे-छोटे दंश लेना, जायके का लुत्फ उठाना, खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले भोजन का आकलन करना। धीरे-धीरे खाएं, चबा के खाएं और यह समझने की कोशिश करें कि आपका पेट कब भरा हुआ लगता है। जब आपका पेट भर जाए तो इससे थोड़ा कम खाएं। ये सामान्य प्रतीत होने वाली आदतें आधे से ज्यादा, आपके पेट और आहार संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती हैं।
कुछ खाने और पीने के पदार्थ एसिड रिफ्लक्स होने की सम्भावना और तीव्रता बढ़ाते है। कुछ खुराक जठर से आगे बढनेमें ज्यादा समय लेते है, तो कुछ एसिड का उत्पादन बढ़ाते है या खुद एसिडिक नेचर के होते है, और कुछ LES वाल्व को सुस्त बनाते है। पर कौन सा खुराक एसिड रेफ़लस और एसिडिटी करेगा, वो हर इंसान से इंसान अलग होता है। आपको अपने खान पान और अपनी तक्लीफों का ध्यान से विश्लेषण करना चाहिए। और जो चीज़ आपको अनुकूल न हो ,जिससे आपको एसिडिटी होती हो उसे न खाये।
खट्टे फलो के बारेमे में एक बात साफ करलु की वो एसिड रिफ्लक्स ही बीमारी का कारन नहीं होते। ये फलो में citric acid नमक acidic पदार्थ होने की वजह से, एसिड रिफ्लक्स के मरीजों को ये फ्रूट खानेसे जलन ज्यादा होती है। अगर एसिड रिफ्लक्स दवाई या ऑपरेशन से कंट्रोल में है, तो आप ये सारे फल खा सकते है।
वैसे भी ये फल healthy और पोषक खुराक का हिस्सा है और अच्छे स्वास्थ्य के लिए इन्हे सही मात्रा मे नियमित रूप से खाना चाहिए। अगर इलाज के बावजूद आपको ये फ्रूट्स से तकलीफ होती है तो आपको अपने doctor से मिलके उनके मार्गदर्शन में इलाज मे बदलाव की ज़रूरत है।
हर किसी के विशिष्ट ट्रिगर होते हैं। वसायुक्त(फेटी खुराक) या तले हुए खाद्य पदार्थ, टमाटर सॉस, शराब, चॉकलेट, पुदीना, लहसुन, प्याज और कैफीन जैसे सामान्य ट्रिगर हार्टबर्न को बदतर बना सकते हैं। उन खाद्य पदार्थों से बचें जिन्हें आप जानते हैं कि आपके हार्टबर्न को ट्रिगर करेगा। खट्टे फल आम तौर पर एक स्वस्थ आहार का हिस्सा होते हैं। तो अगर आपको इसके कारण हार्टबर्न है, तो आपको अधिक आक्रामक उपचार की आवश्यकता है, ताकि आप एक स्वस्थ और संतुलित आहार ले सकें। नियमित दवाओं के साथ में भी ऐसा है, तो GERD/एसिड रिफ्लक्स सर्जरी आपके लिए सही विकल्प है।
आपको भोजन जो एसिडिटी को ट्रिगर करता है इस के अलावा भी, स्वस्थ आहार का पालन करना चाहिए। एक स्वस्थ आहार के हिस्से के रूप में, आपको जितना हो सके तले, मसालेदार और वसायुक्त भोजन का सेवन कम करना चाहिए। आवृत्ति और मात्रा दोनों को कम किया जाना चाहिए। अस्वास्थ्यकर भोजन को प्रतिबंधित करके भी आपको प्रत्येक भोजन का आनंद लेने की आदत सीखनी चाहिए। सब्जियां, फल, साबुत अनाज (रागी, बाजरा, ज्वार), नट्स, मछली और बहुत सारे कम कैलोरीवाले और नॉन-कार्बोनेटेड ड्रिंक्स जैसे स्वस्थ भोजन विकल्पों का सेवन बढ़ाया जाना चाहिए।
उपरोक्त बताये गए आहार और जीवनशैली सभी के लिए हैं, न कि केवल हार्टबर्न से परेशान लोगों के लिए। यह एक सामान्य स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा है। यह न केवल GERD की समस्या को रोकेगा बल्कि मोटापा, मधुमेह, हृदय, यकृत और गुर्दे की समस्याओं जैसी कई अन्य जीवन शैली की बीमारियों को भी रोकेगा।